राष्ट्रीय (07/05/2015) 
जोर-जबरदस्ती की शिकार छात्रा की मौत
--जब नाबालिक दुष्कर्म के प्रयास में सफल नही हो पाया तब छात्रा को पीट-पीट कर अधमरा आकर दिया था। 
- दुष्कर्म करने के लिए किया था छात्रा का अपहरण  

नई दिल्ली। अपनी अस्मत बचाते समय घायल हुई छात्रा ने अस्पताल में दम तोड़ दिया। छात्रा कई दिनों से जिंदगी और मौत के बीच लड़ाई लड़ रही थी लेकिन बुधवार को वह मौत के सामने हार गयी। गौरतलब है कि इस छात्रा को उसके नाबालिग बेटे ने पहले अगवा किया था जिसके बाद उसे जंगल में ले जाकर दुष्कर्म करना चाहा, लेकिन छात्रा की बहादुरी के सामने नाबालिग अपने इरादों में कामयाब नहीं हो पाया, अपनी नाकामी से गुस्सा नाबालिग ने छात्रा पर जानलेवा हमला कर दिया और उसे मृत समझकर जंगल में छोड़ आया था। पुलिस ने मामले की जानकारी के बाद नाबालिग को पकड़कर बाल सुधार गृह भेज दिया।  पुलिस अधिकारी के मुताबिक पीडि़ता किशोरी के आरोपों और मेडिकल जांच के आधार पर एक नाबालिग किशोर पर गत 28 मार्च को ही दर्ज कर लिया गया था। छात्रा व उसके परिजनों ने उसके साथ दुष्कर्म किए जाने की बात से इंकार किया था। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए आरोपी नाबालिग को पकड़ लिया और कोर्ट में पेश कर बाल सुधार गृह भेज दिया। छात्रा की मौत के बाद एफआईआर में 302 की धारा भी जोड़ दी जाएगी। जानकारी के अनुसार मृतक १७ वर्षीय छात्रा रेखा (बदला हुआ नाम) अपने परिजनों के साथ नेहरू विहार इलाके में महेशचंद्र नामक व्यक्ति के घर में किराए पर रहती थी। गत 27 मार्च को रेखा ट्युशन पढऩे के लिए घर से निकली थी। जैसे ही वह करावल नगर रोड पर स्थित मावी हॉस्पिटल के पास पहुंची तब उसे महेशचंद्र का 17 वर्षीय नाबालिग बेटा मिला। वह रेखा को अपनी बहन बनाकर किसी से मिलाने का झांसा देकर यमुनाखादर के जंगलों में ले गया। जहां आरोपी उसके साथ जोर जबरदस्ती करने लगा। रेखा ने जब उसका विरोध किया तो आरोपी ने उस पर जानलेवा हमला कर अधमरा कर दिया। आरोपी उसे मरा हुआ समझकर फरार हो गया। रेखा को जब होश आया तो वह किसी तरह खून से लतपथ घर पहुंची। उसकी हालत देखकर परिजनों के पैरों तले जमीन निकल गई। रेखा को आनन फानन में जगप्रवेश चंद अस्पताल में भर्ती कराया गया। गत 28 मार्च को पुलिस ने पीडि़ता के बयान और मेडिकल जांच के आधार पर नाबालिग किशोर के खिलफ मामला दर्ज कर लिया, लेकिन दो दिन बाद ही डॉक्टरों ने पेट में मामूली सूजन होने की बात कर रेखा को अस्पताल से छुट्टी दे दी। लेकिन बाद में उसकी तबियत बिगड़ती ही चली गई। उसने जीबी पंत अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां उपचार के दौरान बुधवार सुबह करीब पौने पांच बजे उसकी मौत हो गई।
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