राष्ट्रीय (07/05/2015) 
बच्चों के अभिभावकों ने किया स्कूल में हंगामा
-- आरोप है कि स्कूल में बच्चो को मिलने वाली सहायता राशि नही बांटी जा रही है 
-- स्कूल के प्रधानाचार्य ने दिया लिखित में लिखाकर,22 तारीख तक बांटी जाएगी राशि  

नई दिल्ली। उत्तर-पूर्वी दिल्ली के गौतम पूरी  में स्थित सरकारी सर्वोदय बाल विधालय में बुधवार सुबह उस समय हंगामा खड़ा हो गया जब वहां पढ़ाई करने वाले सैकड़ों बच्चों के अभिभावक स्कूल में पहुंच गए, और बच्चों के रुके हुए बजीफे के पैसे देने की मांग करने लगे। पहले स्कूल के प्रधानाचार्य ने उनको टरकाने का प्रयास किया, लेकिन बच्चों के अभिभावक कुछ भी मानने को तैयार नही थे और उन्होंने स्कूल में नारे-बाजी शुरू कर दी। प्रधानाचार्य ने मामला गर्माता देख पुलिस को मामले की सुचना दी, जिसके बाद मौके पर पहुंचे पुलिसकर्मिओं ने वहां जमा लोगों को समझाने का प्रयास किया लेकिन इन स्कूल में जमा लोग तब तक शांत नही हुए, जब तक प्रधानाचार्य ने अपने स्कूल एक लेटरहेड पर लिखित में यह नही लिख कर दिया कि जिन बच्चों के वजीफे के पैसे रुके हुए है उनको आने वाली 22 तारीख को दे दिए जायेगे। स्कूल में जमा परिजनों का आरोप था कि पिछले साल के वजीफे के पैसे अभी तक बच्चों को नही मिले है जब इस बारे में प्रधानाचार्य से बात की जाती थी तब प्रधानाचार्य यह कहकर टरका देते थे कि पैसे आने पर दे दिए जाएंगे। गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने एक स्कूल में अनिमियताओं के मिलने पर दो लोगों को निलंबित किया था। इस स्कूल में फ़ूड प्रोसेसिंग की क्लास नही लगती थी जिसके बावजूद स्कूल के फण्ड से खाने-पीने की सामग्री मंगाई गयी थी जिसके नकली बिल के साथ ब्लेंक रसीद बुक मिली थी। 

-- गौरतलब है कि बच्चों के अभिभावकों को लगातार टरकाने के बाद जब बुधवार को सैकड़ों लोगों ने घेर लिया तब प्रधानाचार्य की होशियारी नही चली और उन्होंने पुलिस की मौजूदगी में अपनी गलती मानी और लिखित में पैसे देने का समय लिखकर दिया। स्कूल पहुंचे शकील ने बताया इस स्कूल में पिछले साल के वजीफे के पैसे अभी तक नही दिए गए है जबकि दूसरा साल शुरू हो चूका है अगर सभी बच्चों को मिलने वाली राशि का जोड़ किया जाये तो यह राशि लाखों रूपये में बैठेगी, सवाल यह उठता है कि जब सरकार की तरफ से हर वर्ष राशि आ जाती है तो उस राशि को क्यों नही बांटा गया।
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