राष्ट्रीय (06/05/2015) 
अनाज मंडियों में पहली बार रिश्वत लेने का मामला हुआ उजागर
कैथल : पाई कमेटी के अधीन आने वाली अनाज मंडियों में अब की बार लदान में पहली बार रिश्वत लेने का मामला उजागर हुआ है। जबकि ठेकेदार लदान करने की प्रशंसा करते नही थकते। सेरधा अनाज मंडी के अन्दर कुल 95 हजार कट्टे आये है। जिनको डी एफ एस सी एजेंसी के द्वारा खरीद किया गया है। अब खरीद को बन्द हुये कई दिन बीत गये, परन्तु उठान नाम मात्र का हो रहा है। ठेकेदार दावा जता रहा है कि उन्होंने मंडी से 75 हजार बारियां उठवा दी है और प्रति दिन काफी संख्या में ट्रक लोड होते है। जबकि मंडी के आढ़तियों का कहना है कि लदान कछवें की गति से चल रहा है। 20 दिन में मात्र 75 हजार का उठान यानी दस ट्रक हर रोज।  आढ़ती सुशील कुमार ने बताया कि यह लदान पहले रिश्वत के बल पर हुआ है। अब उनसे भी मोटी रिश्वत की मांग की जा रही है, परन्तु वे देने को तैयार नही है। उन्होंने बताया कि वे इसकी शिकायत उपायुक्त कार्यलय, डी एफ एस सी कार्यलय, कमेटी सचिव, मंडी के प्रधान राजकुमार, नोडल अधिकारी दलेल सिंह को भी कर चुका हु, परन्तु कहीं से भी कोई सार्थक परिणाम नही मिला है। उन्होंने कहा कि अब एकमात्र रास्ता धरने पर बैठने का रह गया है और वह अब उपायुक्त कार्यालय के सामने धरने पर बैठ जायेगा। उधर ऋषि पाल गुप्ता द्वारा भी हालत ऐसे ही बताये गये है।  उधर पाई मंडी के अन्दर भी उठान का कार्य ऊंट के मुंह में जीरें के समान है। यहां भी उठान 22 अप्रैल की खरीद का अभी तक पड़ा हुआ है। इस भी ज्यादा उठान का मामला किठाना मंडी का है। जहां पर भी एग्रो के द्वारा खरीद किया गेहूं किसानों के  खेतों में कच्चे में पड़ा है। यहां के मंडी के आढ़ती हेप्पी, सुरेश, मदन, सतीश, प्रलाद, पाला राम, होशियार सिंह, रक्मा, सत्यवान, रमेश,जयपाल, हरिकेश,राममेहर आदि ने बताया कि इस मंडी के अन्दर तुली हुई गेहूं की बोरियां गेहूं के फानों पर पड़ी हुई है। आसपास के किसान फानें जला रहे है और उनको डऱ सता रहा है कि कही ये बोरियां भी चिंगारी न पकड़ले। इसके साथ साथ दीमक ने भी अपना रूप दिखाना शुरू कर दिया है। उन्होंने बताया कि इस मंडी में 3 लाख 80 हजार बोरियों में से मात्र 1 लाख पचास हजार बोरिया ही उठी है। 
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