राष्ट्रीय (05/05/2015) 
7 फुट पर निकला पानी

हरियाणा के यमुनानगर के आदिबद्री से पांच किलोमीटर की दूरी पर मुगलवाली गांव में सरस्वती नदी की खुदाई के दौरान प्रशासन को बड़ी सफलता हाथ लगी। सरस्वती की नदी खुदाई करने वाले मुस्लिम दम्पति सलमा और रफीक के फावडे से 7 फुट पर पानी सरस्वती नदी से फुट पडा। इतनी कम गहराई पर नीली बजरी व चमकदार रेत और खनिज के मिश्रण वाला पानी हु-ब-हू नदियों में बहने वाले पानी के समान ही था। उसके बाद एक-एक करके मजदूरों ने 8-10 खड्डे खोदे और 9-10 फुट पर सभी जगह समान अनुपात में पानी फुट पड़ा।

          घटना का समाचार मिलते ही उपायुक्त डा.एस.एस.फुलिया सहित जिला प्रशासन के अन्य अधिकारी मुगलवाली गांव पहुंचे और स्वयं उपायुक्त ने एक गढ्ढा अलग जगह खोदा और उसमें से 8-9 फुट पर पानी फुट पड़ा इसके पश्चात जगाधरी के एसडीएम प्रेमचंद और डीडीपीओ गगनदीप सिंह ने भी खड्डा खोदा और इन खड्डों में से भरपूर मात्रा में पानी निकला। मुगलवाली गांव में उपायुक्त ने कहा कि सरस्वती नदी का जिक्र पुरानों में मिलता था और आज वह हकीकत के रूप में धरती पर अवतरित हो गई है। उन्होंने कहा कि 21 अप्रैल को सरकार द्वारा मनरेगा परियोजना के तहत इस नदी की खुदाई शुरू की गई थी और आज सभी की मेहनत के फलस्वरूप नदी का अस्तिव उभरने लगा है। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों ने इस घटना को एक मिथ माना था परन्तु सरस्वती शौध संस्थान के दर्शन लाल जैन ने इस पर कड़ी मेहनत की और आज जिला प्रशासन,पंचायत एवं विकास विभाग की मेहनत के फलस्वरूप इस भ्रांति को सच्चाई में बदल दिया गया है।

          उपायुक्त ने बताया कि सैटेलाईट के माध्यम से सरस्वती नदी के छाया रूप को हकीकत में बदल दिया गया है। उन्होंने बताया कि आदिबद्री को सरस्वती नदी को उदगम स्थल माना गया था और यहां से 5 किलोमीटर दूर गांव रूलाहेडी में इस नदी की खुदाई शुरू की और आज यहां पानी के स्त्रोत उभर कर आए हैं। उन्होंने कहा कि गांव छलौर में एक बड़ा जलाश्य बनाया जाएगा जिसमें पहाड़ों पर होने वाली बरसात और सोम नदी के पानी को इक्ठ्ठा कर सरस्वती नदी को एक बड़ी नदी के रूप में परवाहित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र को एक बडे़ टूरिजम हब के रूप में विकसित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सदियों से राजस्व रिकार्ड में सरस्वती नदी का अस्थितव रहा है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सरस्वती नदी के पुनः उत्थान का बीड़ा उठाया था और आज उस दिशा में सकारात्मक परिणाम मिलने शुरू हो गए हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय सस्कृति में गंगा, यमुना, सरस्वती की तीन महत्वपूर्ण नदियों का जिक्र था उसमें से आज विलुप्त हुई सरस्वती नदी को धरा पर उतर आई है।

          उन्होंने बताया कि 15 दिनों के अंदर लगभग 3 किलोमीटर की खुदाई की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि सोमवार को कुछ-कुछ जगहों पर पानी की बूंदे टपकी थी और आज मंगलवार को सरस्वती नदी की 7-8 फुट की गहराई पर प्रचूर मात्रा में पानी फुट पड़ा। उन्होंने बताया कि सरस्वती नदी के आस-पास के नलकूपों में 85 फुट तक पानी नहीं है परन्तु यहां 8-9 फुट पर पानी होना सरस्वती के प्रति एक नया विश्वास उत्पन्न करता है। गांव मुगलवाली के सरपंच सोमनाथ ने बताया कि मुगलवाली और आसपास के ग्रामीण सरस्वती नदी की खुदाई से बडे़ उत्साहित हैं और प्रशासन को हर तरह का सहयोग देने के लिए तैयार हैं।   

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