नई दिल्ली । यूनाईटेड नेशन सिक्योरिटी काउंसिल
(यूएनएससी) ने भारत को आश्वासन दिया है कि वो 26/11 के मुंबई हमलों के मास्टर
माइंड जकीउर रहमान लखवी की रिहाई के मुद्दे को अपनी अगली बैठक में उठाएगा। इससे
पहले लखवी की रिहाई के मामले में भारत ने संयुक्त राष्ट्र के हस्तक्षेप की मांग की
थी। भारत का कहना था कि घ्सा अंतरराष्ट्रीय निकाय के मानदंडों का उल्लंघन करके
किया गया है और उसे इस मामले को पाकिस्तान के साथ उठाना चाहिए। यूएन सैन्कशंस कमेटी के अध्यक्ष जिम मैकले को लिखे अपने पत्र
में संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि अशोक मुखर्जी ने कहा कि पाकिस्तानी
अदालत द्वारा लखवी की रिहाई सं युक्त राष्ट्र के प्रस्ताव संख्या 1267 का उल्लंघन
है। यह प्रस्ताव विशेष संस्थाओं और व्यक्तियों के संबंध में है। प्रतिबंध के उपाय
अलकायदा और लश्कर-ए-तय्यबा समेत आतंकवादी समूह के साथ जुड़े विशेष व्यक्तियों और
संस्थाओं पर लागू होते हैं। साथ ही भारतीय राजदूत द्वारा लिखे गए पत्र में कहा गया है कि
यहां तक कि जमानत की राशि भी सैंक्शंस कमेटी के नियम के खिलाफ है, जो विशेष
व्यक्तियों और संस्थाओं के कोष और अन्य वित्तीय संपत्तियों या आर्थिक संसाधनों को
जब्त करने की बात करती है। सैंक्शंस कमेटी में संयुक्त राष्ट्र के पांच स्थायी और
10 अस्थायी सदस्य होते हैं। गौरतलब है कि लखवी 10 अप्रैल को पाक की जेल से रिहा हुआ था।
मुंबई हमलों के मास्टर माइंड लखवी की रिहाई का भारत ने काफी विरोध किया था। भारत
के अलावा अमरीका और इजरायल ने भी लखवी की रिहाई को एक चिंता का विषय बताया था।
अमरीका ने लखवी की रिहाई पर पाकिस्तान के साथ कड़ी चिंता जताई थी और कहा था कि वह
इस हमले के दोषियों के खिलाई कड़ी कार्रवाई के अपने वादे को निभाए। |