राष्ट्रीय (30/04/2015) 
सीमा सुरक्षा बल ने किया स्वर्ण जयंती अकादमिक संगोष्ठी का आयोजन
नई दिल्ली । जैसा कि विदित है, वर्ष 2015 को सीमा सुरक्षा बल "स्वर्ण जयंती" वर्ष के रूप में मना रहा है और इस सिलसिले में कई महत्वपूर्ण कार्यक्रमों की श्रृंखला का आयोजन कर रहा है।ऐसे ही महत्वपूर्ण आयोजनों की कड़ी में सीमा सुरक्षा बल द्वारा गुरूवार को 'इंडिया इंटरनेशनल सेन्टर, नई दिल्ली' में एक अकादमिक संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
संगोष्ठी का विषय था-"भारत में सीमा प्रबंधन-चुनौतियाँ व विकल्प"।
राजनाथ सिंह,गृहमंत्री, भारत सरकार के द्वारा इस संगोष्ठी का उद्घाटन किया गया, जबकि एम.एल.कुमावत, कुलपति सरदार पटेल विश्वविद्यालय, जोधपुर के अत्यंत ही महत्वपूर्ण और सारगर्भित वक्तव्य से इसकी शुरुआत हुई।
देवेन्द्र कुमार पाठक, भारतीय पुलिस सेवा, महानिदेशक सीमा सुरक्षा बल ने गृहमंत्री महोदय समेत सभी आगंतुकों की अगवानी की और उनके सम्मान में स्वागत भाषण भी प्रस्तुत किया। 
सुबह साढ़े आठ बजे से शाम तक, यानि कि पूरे दिन चली इस संगोष्ठी, जिसमें प्रख्यात शिक्षा विदों, कुशल प्रशासको, मसहूर चिकित्सकों, सीमा प्रबंधन से जुड़े अन्य सभी हितधारकों व मीडिया जगत की दिग्गज हस्तियों ने भाग लिया, में प्रभावकारी सीमा प्रबंधन की संभावनाओं का आकलन और संबंधित रणनीति के विकास करने के संबंध में विषाद परिचर्चा हुई।
लगातार 2 संगोष्ठी का उदेश्य भारतीय सीमा प्रबंधन से जुड़े हितधारकों को सुरक्षा चुनौतियों को प्रभावित करने वाली प्रतिकूल परिस्थितियों से परिचित कराने के साथ-साथ उन तरीकों और साधनों से भी परिचित कराना था, जिससे आपसी समन्वय का विकास करते हुए एक कुशल व प्रभावकारी सीमा प्रबंधन की व्यवस्था को कार्यरूप में परिणत किया जा सके।
इस संगोष्टी में सम्मिलित रूप से सीमा पार के अपराधों, उनके स्रोतों, मानव तस्करी, पशु तस्करी एवं अवैध आर्थिक प्रवजन को रोकने के उपायों के साथ-साथ पड़ोसियों के साथ वाणिज्य-व्यापार एवम् सांस्कृतिक संबंधों के विस्तार पर भी चर्चा हुई। 
इस अवसर पर अपने संबोधन में गृहमंत्री ने कहा - "सीमाओं की सुरक्षा देश के विकास की आवश्यक शर्त है और इस संदर्भ में सीमा सुरक्षा बल न सिर्फ थलीय सीमाओं की ही सुरक्षा कर रहा है अपितु जलीय और तटीय सीमाओं की निगरानी भी यह बल बखूबी करता है - जैसा कि गुजरात और पश्चिम बंगाल की अंतर्राष्ट्रीय जलीय और तटीय सीमाओं पर सीमा सुरक्षा बल को मजबूती प्रदान करने के उदेश्य से सरकार ने इस बल को कुल नौ तैरती सीमा चैकियों की स्वीकृति प्रदान की है - 6 सीमा चौकिया बंगलादेश सीमाओं की निगरानी के लिये और 03 गुजरात की सीमाओं की सुरक्षा के लिये। सीमा वासियों के कल्याण तथा विकास के लिये चलाई जा रहीं योजनाओं के लिये सीमा सुरक्षा बल की जमकर सराहना करते हुए बल के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता के बारे में आश्वस्त किया कि - "सरकार इस बल को नवीनतम साजो-सामान और अत्याधुनिक हथियारों व अन्य आयुध उपकरणों से लैस कर रही है। 
संगोष्ठी दो सत्रों में चली। पहले सत्र में पाकिस्तान से संबंधित सीमा प्रबंधन के मुद्दों पर परिचर्चा की गई और दूसरे सत्र में बंगलादेश से संबंधित सीमा प्रबंधन बातचीत का मुख्य केन्द्र बिन्दु रहा।
इस अवसर पर माननीय मुख्य अतिथि महोदय द्वारा सीमा सुरक्षा बल की वार्षिक पत्रिका 'बाॅर्डरमैन' का भी विमोचन किया गया।
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