राष्ट्रीय (30/04/2015) 
2 मई से नवजात शिशुओं का आधार लिंक जन्म प्रमाण पत्र मिलेगा सात दिन के अन्दर

हरियाणा में आगामी 2 मई से राज्य के सभी नवजात शिशुओं का आधार लिंक जन्म प्रमाण पत्र होगा, जो सात दिन के अन्दर-अन्दर जारी कर दिया जाएगा। इस दूरदर्शी एवं कल्याणकारी कदम की कल्पना मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने की है। इससे सभी कल्याणकारी और स्वास्थ्य सम्बन्धित सेवाआें की निगरानी हो पाएगी और बच्चों की ट्रैकिंग, टीकाकरण व स्कूल जाने की जानकारी में मदद मिल सकेगी। इसके अलावा, बच्चों का एक डेटाबेस भी तैयार हो पाएगा जो समय-समय पर सुनिश्चित सेवाएं देने में सहयोगी होगा।

    गत फरवरी-मार्च माह में नीति आयोग और यूआईडीएआई के सहयोग से जिला फरीदाबाद के तिगांव के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में शुरू की गई पायलट परियोजना, जहां 3500 से ज्यादा बच्चों का आधार पंजीकृत किया गया है, की सफलता से प्रेरित होकर हरियाणा सरकार ने पूरे राज्य में आगामी 2 मई से यह कार्यक्रम शुरू करने का निर्णय लिया है। इस कार्यक्रम के तहत राज्य के जिला मुख्यालय स्तर पर सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, शहरी स्थानीय निकाय और सामान्य अस्पताल शामिल होंगे।

     इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए 550 से अधिक आधार पंजीकरण किट प्रत्येक सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और नगर निगम इत्यादि में भेजी गई हैं तथा बच्चों के आधार लिंकड जन्म पंजीकरण की सुविधा के लिए एक ऑपरेटर भी मुहैया करवाया गया है। यह किट प्रत्येक मंगलवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और नगर निगम इत्यादि में स्थापित की जाएंगी। उससे अगले दिन यानि प्रत्येक बुधवार को शेष रह गये बच्चों का आधार लिंकड जन्म प्रमाण पत्र का पंजीकरण सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के अन्तर्गत आने वाली आंगनवाड़ी में किया जाएगा।

        शुन्य से पांच वर्ष के बीच की आयु के बच्चों का आधार पंजीकरण, जिनका बायोमीट्रिक नहीं लिया जा सकता है, के लिए उनके माता-पिता का आधार नम्बर और बायोमीट्रिक बच्चे के पंजीकरण के साथ लिंक किया जाएगा। इसके अलावा, अलग प्रकार का डाटाबेस जैसेकि जन्म एवं मृत्यु जानकारी प्रणाली, मातृ-शिशु ट्रेकिंग प्रणाली और समेकित बाल विकास योजना को भी आधार के साथ समायोजित किया जा सकेगा। इससे मातृ-शिशु को दी जाने वाली सेवाओं की डिलिवरी की निगरानी और सेवा सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी।

        हरियाणा की कुल 2.53 करोड़ जनसंख्या का 86.7 प्रतिशत आधार पंजीकरण कर लिया गया है, अब केवल 33.7 लाख लोगों का पंजीकरण होना शेष है, जिनमें लगभग 25 लाख 0 से 5 वर्ष के बच्चे आते हैं। इस कार्यक्रम के तहत न केवल नवजात शिशुओं का आधार पंजीकरण होगा, बल्कि शेष रह गये बच्चों का भी आधार पंजीकरण किया जाएगा। राज्य ने जून 2015 तक 100 प्रतिशत आधार बनाने का लक्ष्य रखा है। इस कार्यक्रम की शुरूआत से ही शेष रह गई जनसंख्या को भी अगले दो महीनों में कवर किया जाएगा।

        वर्तमान में राज्य के अंदर 1000 आधार पंजीकरण किट कार्य कर रही हैं। प्रत्येक सप्ताह लगभग 3 लाख पंजीकरण किए जा रहे हैं। नये कार्यक्रम के  शुरू होने के पश्चात नवजात शिशुओं का आधार पंजीकरण जन्म स्थान पर ही किया जाएगा। बच्चे के पंजीकरण के साथ फोटो, नाम, पता और माता-पिता की जानकारी तथा ईआईडी व यूआईडी आदि को लिंक किया जाएगा। यह डाटा आधार पंजीकरण मशीन द्वारा जन्म एवं मृत्यु पंजीकरण सॉफ्टवेयर में ऑन लाइन ही भेज दिया जाएगा, जहां स्वास्थ्य विभाग द्वारा बच्चे के जन्म प्रमाण पत्र के पंजीकरण के लिए जानकारी प्रयोग करेगा।

        सक्षम अधिकारी द्वारा स्वीकृति मिलने के पश्चात शिशु का जन्म प्रमाण पत्र ईआईडी नम्बर के साथ जनरेट हो जाएगा। बच्चे का बायोमीट्रिक पांच वर्ष की आयु होने के पश्चात लिया जाएगा। यह सुविधा राज्य के किसी भी आधार पंजीकरण केन्द्र में ली जा सकती है।

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