300 रुपये के लिए राजपूत से दलित बन गए बुजुर्ग! महज तीन सौ रुपये की पेंशन के लिए चालीस बीघा जमीन
का मालिक एक राजपूत बुजुर्ग दलित बन गया। इतना ही नहीं वृद्धावस्था पेंशन की परिधि
में आने के लिए उसने अपनी उम्र दस साल ज्यादा दर्ज करवा दी। एसडीएम की जांच में
खुलासा होने के बाद भी शामली के जिला समाज कल्याण अधिकारी ने न कोई कार्रवाई की और
न ही इस मामले में आरटीआई ऐक्ट के तहत मांगी गई सूचना दी। पेंशन में जालसाजी का मामला शामली के थाना भवन नगर पंचायत का
है। नगर पंचायत के पूर्व चेयरमैन सेवा राम सैनी ने बताया कि वर्ष 2011 से उनके
कस्बे लोहियान मोहल्ले में रहने वाले दो भाई कल्याण सिंह और चरण सिंह वृद्धावस्था
पेंशन ले रहे हैं। जिला समाज कल्याण अधिकारी द्वारा मुहैया करवाई गई सूची के
मुताबिक 65 वर्षीय कल्याण सिंह (राजपूत) को सामान्य वर्ग के तहत पेंशन मिल रही है, जबकि उनके सगे भाई
चरण सिंह को अनुसूचित जाति वर्ग से पेंशन मिल रही है। सूची से यह भी खुलासा हुआ कि
चरण सिंह ने अपना पता भी बदलवा कर रेत्ती मोहल्ला अंकित करवाया है और अपनी उम्र
करीब नौ साल बढ़वा कर 66 वर्ष करवा ली है। स्थानीय लोगों की शिकायत पर एसडीएम की
जांच में इसकी पुष्टि हुई। एसडीएम ने मामले की जांच कर जिला समाज कल्याण अधिकारी को रिपोर्ट भेजी और चरण सिंह से पेंशन की वसूली की सिफारिश की। कोई कार्रवाई न होने पर सेवाराम सैनी ने जिला समाज कल्याण अधिकारी के यहां आरटीआई के तहत सूचना मांगी। लेकिन जिला समाज कल्याण अधिकारी ने एसडीएम की रिपोर्ट पर न कोई एक्शन लिया और न ही पूर्व चेयरमैन को सूचना दी। फरवरी 2015 को सेवाराम सैनी ने सूचना आयोग में अपील की। आयोग ने जिला समाज कल्याण अधिकारी को सुनवाई के लिए कई बार तलब किया, लेकिन वह नहीं आए। सूचना आयुक्त हाफिज उस्मान ने बताया कि सेवाराम सैनी ने जो दस्तावेज आयोग में पेश किए हैं, उनके मुताबिक चरण सिंह के पास चालीस बीघा जमीन है और अभी उसकी उम्र वृद्धावस्था पेंशन के मानकों के मुताबिक कम है। (दीपांकर श्रीवास्तव) |