राष्ट्रीय (25/04/2015) 
अध्यापको की कमी को पूरा करने के लिए मिलेगा विषेश भत्ता-मुख्यमंत्री मनोहर लाल

   हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा है कि शिवालिक व मेवात जैसे विशेष क्षेत्रों में अध्यापकों की कमी को पूरा करने के लिए सरकार विशेष भत्ता देने पर विचार कर रही है ताकि अध्यापक वहां नियुक्ति को बोझ न समझ कर पूरी लगन से बच्चों को पढ़ा सकें।

   मुख्यमंत्री आज यहां हरियाणा निवास में बुलाई गई शिक्षा में गुणवत्ता सुधार विषय पर राजकीय अध्यापकों की विभिन्न यूनियनों की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। बैठक में शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा ,शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव विजयवर्धन,प्रधान सचिव टी.सी गुप्ता के अलावा अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

   मुख्यमंत्री ने कहा कि अध्यापक मनुष्य निर्माण के सर्वोच्च नेक कार्य में लगा है। अध्यापकों को शिक्षा में गुणवत्ता बढ़ाने के लिए इच्छा शक्ति व मानसिकता में बदलाव लाना होगा। उन्होंने कहा कि एक सामान्य अध्यापक व अध्यापक संघों के पदाधिकारियों में अंतराल ज्यादा है,इसे कम करना होगा इसके लिए अध्यापकों के नियमित तौर पर ओरियंटेशन कैंप लगाने की आवश्यकता है।

    उन्होंने कहा कि अध्यापक समाज में आदर्श होते हैं । उन्हें बच्चों को स्कूलों की ओर आकर्षित करने के लिए प्रेरित करना चाहिए,क्योंकि केवल शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू करना ही काफी नहीं है। उन्होंने कहा कि अध्यापकों पर समाज के लोगों का अधिक भरोसा होता है,इसीलिए स्कूल प्रबंधन कमेटियों में भी किसी न किसी अध्यापक को शामिल किया जाता है। उन्होंने कहा कि अध्यापकों को गैर-शैक्षणिक कार्याें में कम से कम लगाया जाए,इस दिशा में सरकार कार्य कर रही है। बच्चों को शिक्षा के लिए अवसर प्रदान करना सरकार का कार्य है। बैठक में उपस्थित सभी यूनियनों द्वारा रखी गई मांगों पर गंभीरता से विचार करने का आश्वासन मुख्यमंत्री ने दिया।

     उन्होंने कहा कि अध्यापकों की भी ग्रेडिंग होनी चाहिए और अच्छे अध्यापकों को पढ़ाई में कमजोर बच्चों को अव्वल बनाने की ओर पूरी निष्ठा व लगन से अध्यापन कार्य करना चाहिए। यूनियनों ने पहली बार इस प्रकार की बैठक बुलाने के लिए मुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री का विशेष आभार व्यक्त किया और आश्वासन दिया कि वे शिक्षा में सुधार लाने के लिए सरकार की पहल को निश्चित रूप से सफल बनाएंगे।

     शिक्षामंत्री रामबिलास शर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि वर्तमान सरकार ने राजकीय विद्यालयों में संस्कार सक्षम वातावरण तैयार करने की पहल की है,इसके लिए योग व गीता को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अध्यापक शक्ति शिक्षा के माध्यम से  समाज में ज्योत से ज्योत जलाने का कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि विभाग की प्रशासनिक मांगों को प्राथमिकता के आधार पर पूरा किया जाएगा। विभाग के अधिकारी इस कार्य में रात-दिन लगे हैं और योग्य अधिकारियों को विशेष रूप से लगाया गया है।

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